समाधान होना चाहिए

#दिनांक:-5/3/2024
#शीर्षक:-समाधान होना चाहिए।

सूखा पेड़ टूटी टहनी,
आदर्श मिसाल कहनी ।

कसूरवार का किरदार,
उठा लिया अब हथियार।

अभिमन्यु की बची न रूह,
बस अर्थी हित बना चक्रव्यूह।

क्या मिला इस मार धाड़ से,
रिश्ता बेनाम निकला पहाड़ से।

जो महाभारत ना हुआ होता,
लाशों का ढ़ेर न बिछा होता।

किसी का भाई किसी का प्यार,
ना जाने कितनी प्यासी तलवार...?

किया, करता रहा अविस्मरणीय प्रहार,
गवाही कैसे दे दिया भारतीय संस्कार?

अभी भी वक्त है जाग जाओ,
सोने की चिड़िया थी अब बनाओ ।

पीछे नहीं अब से आगे देखना है,
अपनी प्रतिभा का मूल्य समझना है ।

ना बहस ना विवाद करो,
संरक्षक से सत्य संवाद करो ।

द्वेष, ग्लानि ना अभिमान होना चाहिए,
ज्ञान विज्ञान से समाधान होना चाहिए ।

(स्वरचित, मौलिक)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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