संदेश

जून, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

योग

चित्र
#दिनांक:-21/6/2025 #विधा:- स्वैच्छिक  #विषय:- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस #शीर्षक:- योग योग धार्मिक विज्ञान है, स्वस्थ जीवन के लिए,  योगासन होना चाहिए, ताकि,  निश्छल मन में, बुरे विचारों को जगह ना मिले!  रहोगे निरोग,  स्वस्थ्य रहोगे, बना लो अनुशासन, अनुशासित व्यवहार करोगे! करो नित नमन-वंदन प्रति वार, सुन्दर तन से उपयोगी बनो हर-बार, करो सद्भावों का आचार-विचार, रखो निरोग-स्वच्छ अपना घर-परिवार! नित प्रातःकाल उठिए, करिये नियमित योग, खत्म शरीर के हो जायेंगे, सुगर हो, उच्च रक्तचाप हो, हो चाहे कोई भी रोग| अपनाओ योग, भगाओ रोग| रचना मौलिक, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है | प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

दिलबर तेरी परछाई हूँ।

चित्र
#दिनांक:-17/6/2025 #मात्राभार:-16 #सजल #शीर्षक:-दिलबर तेरी परछाई हूँ । दूर जाकर लौट आई हूँ ।  दिलबर तेरी परछाई हूँ ।।1। कट जाए जिन्दगी प्रेम से । मैं कसम प्रेम की खाई हूँ ।।2। कालिमा चाहे हो अमावस । पर नेह-चांदनी पाई हूँ ।।3। हर अनर्थ किया तूने मगर, मैं बनी नहीं तन्हाई हूँ ।।4। सहारा बस पाने के लिए,  अनगिन बार लड़खड़ाई हूँ ।।5। तू नहीं बाकी बचा मुझमें,  सीखती धैर्य की लड़ाई हूँ ।।6। आम सी, विशिष्ट प्रकृति रखती  ग्रंथ की प्रतिभा भलाई हूँ ।।7। (स्वरचित) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई