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घी दही संग खिचड़ी खाए

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#दिनांक:-13/1/2025 #शीर्षक:-घी दही संग खिचड़ी खाए। विष्णु ने काटा असुर सिर, सिर गाड़ दिया मंदराचल पर जीत सभी संक्रान्ति पर्व मनाये, रवि उत्तरार्द्ध होकर मकर जाए । चीनी की पट्टी, गुड़ का डुन्डा, तिल का लड्डू मन को भाये। कुरई में रखकर लाई चूरा, घी दही संग खिचड़ी खाये। राज्यों में अनेक नाम प्रसिद्ध, कहीं खिंचड़ी कहीं लोहड़ी तो, कही पोंगल माघी, उत्तरायण, देशवासी मकर संक्रान्ति बुलाए। पोंगल तमिल समुदाय त्योहार, फसल कटाई सम्पन्न व्यवहार। बुरी आदत छोड़ने का संकल्प, नया साल आरम्भ त्योहार मनाए। घर साफ कर रंगोली सजाकर, वर्षा धूप कृषि की अर्चना कर। अनेक परम्परा, रीति का पालन, सूरज, गौमाता बैल को हैं पूजते । (स्वरचित, मौलिक और सर्वाधिकार सुरक्षित है) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

युवा है हम

#विधा:-मुक्त छंद  #दिनांक:-10/1/2025 #शीर्षक:- युवा हैं हम हम युवा हिन्दी से हिन्दुस्तान का गौरव बढायेंगे, तन मन धन से निजभाषा उन्नति का नारा लगायेंगे | अभिनंदन संस्कृति का, अभिलाषा जन-गण-मन गाते रहें, हिन्दी से हिन्दुस्तान का हर कोना-कोना सजायेंगे | हिन्दुस्तान के हम युवा, हिन्दी के केन्द्र बिन्दु हैं, अपनी ताकत से, हिन्दी का परचम,पूरे विश्व में फहराएंगे | फिल्मों के सिरताज मुकुट, हमारे सिर बिराजे हैं,  भारत में धूम मचाये हैं, विदेशो में भी धाक जमायेंगे | सभी भाषाओं की जननी संस्कृत मनोरम की बेटी हिन्दी, सरस, सुन्दर, मीठी, सरल हिन्दी को घर-घर पहुंचायेंगे | रचना मौलिक, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है| प्रतिभा पाण्डेय"प्रति"  चेन्नई