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हमसफ़र बन जाए

#दिनांक:-27/6/2024 #शीर्षक:- हमसफ़र बन जाए। सफर सुहाना हो जिन्दगी का, और तेरा साथ मिल जाए ।।1। सुकून हो मेरे दिल में प्रियवर, और हाथों में हाथ मिल जाए ।।2। हर माह लगे बेहद महीन क्षण यूॅ हीं दिन-रात गुजर जाए ।।3। पहली बूंद, पहली कली, सावन मधुमास बन जाए ।।4। दलील जब इश्क पर हो, पैरवी कर वकील बन जाए ।।5। आह्लादक रंगीन मयंक , स्वच्छ निर्मल सलिल बन जाए ।।6। मैं तो पोखर प्रेम की गंगा बनूॅ, तू काशी विश्वनाथ बन जाए ।।7। चले मध्यम उम्र की गति और तू मेरी सांस बन जाए ।।8। कट जाए सुखद जीवन अपना, बस तू मेरा हमसफ़र बन जाए ।।9। (स्वरचित) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई