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जीवंत लगा

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#दिनांक:-29/2/2024 #शीर्षक:- जीवंत लगा          प्रेम-परिपूर्णा फरवरी आई,      और आज खत्म हो रही,        बात की रफ्तार,      मेरी दुनिया के जिक्र पर रूक गई...,         तेरे ख्वाब के ख्याल में,         मैं फिर से अटक गई....।        रोशनी मुस्कान को रही बिखेर,          कब हुई रात कब हुआ सबेर,            गमगीन हुए ख्याबों को,            मीठी याद आज रही तरेर ।          बिखराई थी बिखराहट आज भी है,          कल के प्यार में तड़प आज भी है,     वक्त गुजर गया कभी भी बेवक्त आने के लिए,       खेल मुकद्दर मुझसे खेलता आज भी...

जवानी

#दिनांक:-28/2/2024 #शीर्षक:- जवानी। शोख चंचलता जिसकी कहानी, दहकता बदन नाम है जवानी। नित नये हलचल समेटकर, बनता कोई दिवाना कोई दिवानी। मन के भाव उर्वरक बनकर, कहीं सख्त कहीं तरल बनकर, छुई-मुई सी अनमना तन और मन, जल्दबाजी नवीन उम्मीद की रवानी। सूरत मर्म बर्फ पिघलता शबाब, कत्थई आँखें पिला दें बोतल भर शराब। बैचेनियाँ चैन का रास्ता भूल चुकीं, बनते बदन का नक्सा कर रहा मनमानी। समय का मय नहीं बस भूल होने लगा है, यौवनावस्था अपने चरम पर पहुंचने लगा है। नींद ना आने की जिद कर बैठी, होश कहीं दूर नजरबंद हो रोती। ठिकाना खोजता दर-ब-दर दिल अपना, भविष्य नहीं पर बुनता अनूठा सपना। सर से पांव तक जोशीला उत्साहित मस्ताना, कोहिनूर कोहराम मचाता गम होती सयानी, आनंद का छलकता जाम सुधबुध हो गई बेगानी, चमकती चितवन रिझाती गुलबदन जवानी । (स्वरचित) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

गणेश वंदन

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#दिनांक:-27/2/2024 # शीर्षक :- गणेश वंदन ऊँ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ऊँ....... आज गणपत पधारे है, आज गणपत पधारे द्वार सभी मिलकर दर्शन लो..-2 आज गणपत पधारे द्वार सभी मिलकर दर्शन लो....-2 रिद्धि-सद्धि के दाता कार्तिकेय के भ्राता-2 पार्वती सुत नंदन नमस्तु प्रमोदन् गणनायक गजानंदन आज द्वारे पधारे है ....-2 प्रथम निमंत्रण आपको स्वीकारो शिवनंदन-2 सुमरन करती प्रतिभा कृपाला हो बुद्धिनाथम् मंगलमूर्ति शुभम् आज द्वारे पधारे हैं...-2 आज गणपत पधारे है.......| रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है| प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई